पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा,शाह-रुपाणी हुए शामिल, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 141वीं रथयात्रा शुरू हो गई है| भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर मंदिर और पुलिस ने सभी तरह के कड़े इंतजाम किए हैं| सुरक्षाबल के जवानों को भारी संख्या में तैनात किया गया है| इस रथ यात्रा में बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए हैं| इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल ने रथ को खींच कर इस रथयात्रा की शुरुआत की. इस दौरान मुख्‍यमंत्री और उपमुख्‍यमंत्री ने परंपरा के तहत रथ के आगे झाडू़ भी लगाई|

क्या है रथ यात्रा और क्या होता है इस रथ यात्रा में-

रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा अपने घर यानी कि जगन्नाथ मंदिर से रथ में बैठकर गुंडिचा मंदिर जाते हैं| गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है| भगवान जगन्नाथ के रथ के सामने सोने के हत्‍थे वाले झाड़ू को लगाकर रथ यात्रा को आरंभ किया जाता है| उसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप के बीच तीन विशाल रथों को सैंकड़ों लोग खींचते हैं| इस क्रम में सबसे पहले बालभद्र का रथ प्रस्‍थान करता है| उसके बाद बहन सुभद्रा का रथ चलता है| फिर आखिर में भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा जाता है|

मान्‍यता है कि रथ खींचने वाले लोगों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और उन्‍हें मोक्ष प्राप्‍त होता है| नगर भ्रमण करते हुए शाम को ये तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच जाते हैं| अगले दिन भगवान रथ से उतर कर मंदिर में प्रवेश करते हैं और सात दिन वहीं रहते हैं| भगवान की इस रथयात्रा में करीबन 2500 साधुसंत हिस्सा लेंगे| यही नहीं इस रथयात्रा की सुरक्षा के लिए 1.5 करोड़ रुपये का बीमा भी लिया गया है| रथयात्रा के दौरान अगर कोई बड़ी जानहानि होती हे तो उसके लिए ये बीमा सुरक्षा रहेगा|

गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है| रथ यात्रा के दौरान साल में एक बार भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहनों के साथ जगन्नाथ मंदिर से इसी गुंडिचा मंदिर में रहने के लिए आते हैं| अपनी मौसी के घर में भगवान एक हफ्ते तक ठहरते हैं, जहां उनका खूब आदर-सत्‍कार होता है| उन्‍हें कई प्रकार के स्‍वादिष्‍ट पकवानों और फल-फूलों का भोग लगाया जाता है|

अच्छे-अच्छे पकवान खा कर भगवन बीमार पड़ जाते है तब उन्हें पथ्य भोग कराया जाता है और उसके बाद वो जल्द ही ठीक हो जाते है | गुंडिचा मंदिर में इन नौ दिनों में भगवान जगन्नाथ के दर्शन को आड़प-दर्शन कहा जाता है| जगन्नाथ जी के प्रसाद को महाप्रसाद माना जाता है| रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने आने वाले लोगों को 30 हजार किलो भीगे हुए मूंग, 500 किलो जामुन, 300 किलो आम और 400 किलो ककड़ी दी जाएगी| रथयात्रा की शुरुआत में सबसे आगे 18 गजराज, 101 ट्रक, 30 अखाड़े जो कि अलग-अलग करतब दिखाएंगे| 18 भजन मंडली और तीन बैंड बाजे के साथ निकलेगी| रथयात्रा का समापन शाम के वक्त करीबन 7 बजे रथ की मंदिर में वापसी के साथ होगा|

वहीं, सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं| मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे के साथ एसआरपी और बीएसएफ की टीम भी तैनात की गई| इसके अलावा पहली बार रथयात्रा के लिए इजराइल की हीलयम बैलून तैनात किया गया| यह एचडी कैमरा के साथ पुरी रथयात्रा पर नजर रख रहे हैं| वहीं रथयात्रा के 13 किलोमीटर लंबे रुट पर 25,000 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए| इसमें कुछ एक ही जगह पर रहेंगे, तो वहीं कुछ रथयात्रा के साथ चलेंगे|

पीएम मोदी ने भिजवाया प्रसाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देश को जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं दी हैं| पीएम मोदी ने कहा है कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से देश नई ऊंचाइयों पर पहुंचे | और साथ ही  अहमदाबाद की रथयात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से प्रसाद भिजवाया गया है| पीएम मोदी  मुख्यमंत्री रहने के दौरान हर साल अहमदाबाद की रथयात्रा में जाते थे| मोदी 13 बार भगवान जगन्नाथ के मंदिर में पहिंद यानी झाडू लगा चुके हैं| पीएम मोदी की भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था है| पीएम ने भगवान जगन्नाथ को जो प्रसाद भेजा है, उसमें जामुन, मूंग, आम, अनार, गुड और बूंदी शामिल है| आज के दिन भगवान जगन्नाथ को इसी तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है|