राहुल गाँधी के खिलाफ बयान देने वाले जयप्रकाश को, बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी पदों से किया बर्खास्त

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अगले साल होने जा रहे आम चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने के लिए विपक्षी पार्टियां एकजुट होने की कोशिश में लगी हैं। लेकिन कुछ नेताओं और पार्टियों के द्वारा ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जिससे विपक्षी खेमा अलग-थलग नजर आ रहा है। सोमवार को बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी भी अपनी मां सोनिया गांधी की तरह विदेशी हैं।

और ये खबर चले हुए एक घंटे भी नहीं हुए थे की बसपा सुप्रीमो मायावती को मिडीया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी| और इतना ही नहीं मायावती ने जय प्रकाश सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से तत्काल हटा दिया है। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा कही गई बातें उनकी अपनी निजी है बसपा की नहीं। यह बसपा की सोच के विरुद्ध है। आज हमारी पार्टी ने जयप्रकाश को राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया गया है। बता दें कि सोमवार को लखनऊ में बसपा कोआर्डिनेटरों की बैठक में जय प्रकाश ने कहा था कि राहुल गांधी अगर अपने पिता पर गए होते तो कुछ उम्मीद भी थी लेकिन वो अपनी मां पर गया| उसकी मां सोनिया गांधी विदेशी है, उसमें विदेशी खून है इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं वो भारतीय राजनीति में कभी सफल नहीं हो सकता|

बीएसपी नेता जय प्रकाश के इस बयान के बाद बीजेपी ने चुटकी ली है| बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करके कहा है, ”महाठगबंधन का निर्माण होने से पहले की स्तिथि देखिए| बीएसपी का साफ़ कहना है कि चूंकि राहुल गांधी अपने पिता से अधिक अपने मां जैसे दिखते हैं और सोनिया जी विदेशी मूल की हैं, इसलिए राहुल जी कभी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं! अभी तो ये शुरुआत है आगे आगे देखते जाइए होता है क्या|”

उन्होंने आगे कहा- “वह सिर्फ एक दलित लीडर ही नहीं हैं बल्कि उन्हें सभी समुदायों का समर्थन हासिल है। अब समय आ गया है जब उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनाया जाए।” राहुल गांधी जिन्हें कांग्रेस के प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर माना जा रहा है, उसको लेकर सिंह ने कहा- राहुल अपने पिता की तुलना में अपनी मां की तरह ज्यादा दिखते हैं। और उनकी मां विदेश मूल की हैं, इसलिए वह कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं।

दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि इस वक़्त दलित मोदी सरकार से नाराज है और अगर उसे एक साथ कर लिया गया तो चुनाव की कहानी बदल जाएगी| लेकिन यह भी हकीकत है कि देश में दलितों का सबसे बड़ा चेहरा मायावती हैं और उनकी आवाज पर ही दलित एकता मुमकिन हो सकेगी| चंद महीने बाद मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हैं और गठबंधन के शोर में मायावती की पार्टी इन राज्यों, खासकर मध्यप्रदेश में अपना जायज़ शेयर मांग रही है और ये बयान उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है|