Home Breaking News क्या आप भी राहुल गाँधी के आँख मारने वाले अंदाज का जवाब खोज रहे है, तो मिल गया इसका जवाब
क्या आप भी राहुल गाँधी के आँख मारने वाले अंदाज का जवाब खोज रहे है, तो मिल गया इसका जवाब
Jul 21, 2018
लोकसभा में कल अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलकर अपनी सीट पर लौटे तो उनका आंख मारना मिनटों में वायरल हो गया| लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राहुल गांधी के इस व्यवहार के लिए उन्हें नसीहत दी| सोशल मीडिया और राजनीतिक समीक्षकों ने भी उनकी आलोचना की| लेकिन लोकसभा की कार्रवाई का वीडियो ध्यान से देखने पर लगता है कि राहुल गांधी की मंशा प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने की नहीं थी|
अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष ने जहां मोदी सरकार की नाकामियां गिनाईं, वहीं बीजेपी की तरफ से होने वाले व्यक्तिगत हमलों का भी जवाब दिया इतना ही नहीं, राहुल गांधी शुक्रवार को सदन में काफी आक्रामक दिखे| उन्होंने सत्ता पक्ष को उन्हीं के अंदाज में घेरने की कोशिश की| यहां तक कि हिंदू होने का मतलब समझाने के लिए उन्होंने पीएम मोदी के पास जाकर उन्हें गले तक लगा लिया| लेकिन इसके बाद वो अपनी सीट पर आकर बैठे और अपने किसी सहयोगी सांसद की तरफ देखकर आंख मारी तो वो तस्वीर राहुल के पूरे भाषण पर जैसे पानी फेर गई| जिसके बाद उनके इस अंदाज पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं|
लेकिन हम आपको बताते चले की जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पीएम मोदी से गले मिल कर वापस आ रहे थे | तो उनसे थोड़ी दूरी पर बैठे कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें थम्सअप किया और बधाई दी| ज्योतिरादित्य सिंधिया के थम्सअप करने पर राहुल गांधी उन्हें आंख मारते हुए मुस्कुरा दिए| लेकिन अगर बॉडी लैंग्वेज एक्सपर्ट की माने तो उनका कहना है की हम उम्र दोस्तों में ऐसी प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है| राहुल गाँधी का ऐसा करना प्रधानमंत्री के लिए कोई टिपण्णी करना नहीं था| बल्कि उनका आशय था कि उनके लिए ये सबकुछ बहुत आसान था या वो ये कहना चाह रहे थे कि वो अपने मिशन में कामयाब रहे|
विशेषज्ञो के अनुसार राहुल गाँधी की बॉडी में मूवमेंट जरूर हुई थी लेकिन उनका ऐसा करना किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचने की नहीं थी| इससे ये भी पता चलता है कि भाषण देने और प्रधानमंत्री को गले लगाने के दौरान राहुल गांधी पर कोई दबाव नहीं थे वो बिल्कुल कूल थे, ऐसे मौके पर वो तनाव में भी आ सकते थे, खासतौर से तब जब उनके कहने पर भी प्रधानमंत्री नहीं उठे| लेकिन ऐसे में राहुल ने तुरंत निर्णय लिया और वो उनसे लिपट गए| इससे ये साफ होता है की उनका खुद पर पूरी तरह नियंत्रण था|
इतना ही नहीं विशेषज्ञों के अनुसार प्रधानमंत्री द्वारा खड़े न होने के बारे में उन्होंने बताया की पीएम की ऐसी प्रकिया देना भी स्वाभाविक बात है| क्योकि राहुल गांधी का व्यवहार इतना अप्रत्याशित था कि कोई भी हैरान रह जाएगा| प्रधानमंत्री ने सोचा कि वो शायद हाथ मिलाने के लिए आ रहे हैं| लेकिन जब राहुल गांधी ने उनसे खड़े होने के लिए कहा तो वो समझ नहीं पाए कि हो क्या रहा है| हालांकि बाद में प्रधानमंत्री ने खुद को संभाला और राहुल गांधी को दोबारा बुलाकर उनसे कुछ बात की और उनकी पीठ थपथपाई|
आपको बताते चले ये कि ये पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी ने ऐसा किया है| 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा और वह महज 44 सीटों पर सिमटकर रह गई| दूसरी तरफ मोदी लहर में बीजेपी ने अपने इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने केंद्र में सरकार बनाई| 16 मई 2014 को चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए अपनी हार स्वीकार की और नई सरकार को बधाई दी|
राहुल गाँधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले अपना बयान दिया उसके बाद सोनिया गाँधी ने अपनी बात राखी| और राहुल गांधी उनकी बाईं तरफ खड़े हो गए| इस दौरान जब सोनिया गांधी अपना वक्तव्य दे रही थीं, तो इसी बीच राहुल गांधी सामने खड़े मीडियाकर्मियों की तरफ देखकर आंख मारने लगे| ये ठीक वैसी ही तस्वीर थी, जैसी 20 जुलाई को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान देखने को मिली है|