रेलवे इ-टिकट बुकिंग करना पड़ सकता है महंगा, प्रति टिकट देना पड़ सकता है अतरिक्त चार्ज|

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अगर ट्रेन में यात्रा करने के लिए आप अक्सर मेक माई ट्रिप, यात्रा, पेटीएम और क्लियर ट्रिप जैसे पोर्टल से टिकट खरीदते हैं, तो यह खबर आपके लिए है, इन वेबसाइट से टिकट बुक कराना अब पहले के मुकाबले महंगा हो सकता है, इंडियन रेलवे एंड कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) दूसरे पोर्टल के माध्यम से टिकट बुकिंग कराने पर १२रुपेय एक्सट्रा चार्ज लगाया जायेगा, जिसपर टैक्स भी अलग से देना होगा |

 

हालांकि आईआरसीटीसी के इस कदम से सर्विस प्रोवाइडर नाखुश हैं, अभी तक IRCTC की तरफ से इन वेबसाइट से सालाना मेंटीनेंस चार्ज लिया जाता था, जिससे ग्राहक पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता था इसके अलावा वो 5 रुपये डिस्पले विज्ञापनों के और 15 रुपये का शुल्क कैशबैक पर भी इन कंपनियों से वसूलेगी। वहीं अगर कोई भी कंपनी अपनी वेबसाइट पर किसी थर्ड पार्टी के उत्पादों को बेचती है तो उससे 25 रुपये प्रति टिकट शुल्क वसूला लाया जाएगा। नाखुश सर्विस प्रोवाइडर का यह भी कहना है की ‘रेलवे टिकट बुकिंग रेवेन्यू नेगेटिव या फिर रेवेन्यू न्यूट्रल है, पेमेंट गेटवे पर हमें जो फीस चुकानी पड़ती है, वह कस्टमर से लिए जाने वाले शुल्क से ज़्यादा होता है |

 

आईआरसीटीसी ने अपने सिस्टम को सर्विस प्रवाइडर्स के लिए खोलने का फैसला लिया है और अब वह कस्टमर फैसिलिटीज मुहैया करा सकते हैं, जिसमें PNR स्टेटस सर्च और बाकी पूछताछ सेवाएं शामिल हैं, आईआरसीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट रूल्स के मुताबिक अगर 70 एन्क्वॉयरी पर एक टिकट की बुकिंग नहीं होती है तो फिर हर एन्क्वॉयरी पर 25 पैसे चुकाने होंगे, एक सर्विस प्रवाइडर ने कहा एयरलाइंस को टिकट की बुकिंग पर आईआरसीटीसी से कमिशन मिलता है, दूसरी तरफ टिकटों की सेल पर रेलवे हमसे चार्ज की वसूली करता है |

सर्विस प्रोवाइडर का कहना है कि पेमेंट गेटवे पर हमें जो शुल्क देनी पड़ती है, वह ग्राहकों से ली जाने वाली फीस से ज्यादा होती है, अगर यह बोझ ग्राहकों पर डाला गया तो टिकट बुकिंग के काम से हमें नुकसान होगा, कंपनियों का कहना है कि फीस बढ़ाने से उन्हें नुकसान होगा और आईआरसीटीसी की वेबसाइट के मुकाबले हम गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे |