राहुल गांधी का अविश्वास प्रस्ताव पर कुछ यूँ था रिएक्शन , कुछ इस तरह PM मोदी को किया टारगेट

Rahul-Modi

लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सत्तापक्ष के सामने मिली बुरी तरह मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी को निशाने पर लिया है| शनिवार को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांटने की राजनीति करते हैं| राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, ‘कल संसद में बहस का मुद्दा…पीएम घृणा, डर की बातें बताकर कुछ लोगों के दिलों में भय और क्रोध पैदा करना चाहते हैं| वहीं हम देशवासियों के दिलों में प्रेम पैदा कर राष्ट्र निर्माण करना चाहते हैं|

इसके जवाब में अविश्वास प्रस्ताव जीतने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए को लोकसभा और देश की 125 करोड़ जनता का विश्वास हासिल है| मोदी ने ट्वीट किया, ‘वोट में आज हमारा समर्थन करने वाली सभी पार्टियों को मैं धन्यवाद देता हूं| भारत को बदलने और युवाओं के सपनों को पूरा करने का हमारा प्रयास जारी रहेगा|

पीएम मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला| और कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि अब जनता का कांग्रेस के ऊपर से भरोसा उठ चूका है| और जो पार्टिया साथ है वो भी धीरे धीरे वो भी डूबने वाली है | मोदी लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे| प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र में 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है, लेकिन विपक्ष में शामिल दल सरकार के खिलाफ बहुमत जुटाने में विफल होने को लेकर आश्वस्त होने के बावजूद सरकार गिराने की कोशिश में जुटे हैं|

मोदी ने कुछ शायराना अंदाज में भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा “मांझी ना रहबर ना कह में हवाएं .. है कश्ती भर जर्जर ये कैसा है सफर.” उन्होंने कहा कि कहा गया कि अगर पीएम को संसद में बोलने दिया जाये तो 15 मिनट भी नहीं बोल पाएंगे| परन्तु मैं खड़ा भी हु और अपने काम के दम पर 4 साल से अड़ा भी हूँ| साथ उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गाँधी जी को कुर्सी हथियाने की बहुत जल्दी है| इसलिए विपक्ष द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया | लेकिन देश के 125 करोड़ जनता का विश्वास बीजेपी पर है | लेकिन फिर भी विपक्ष यह समझने को तैयार नहीं है| प्रधानमंत्री ने कहा, “मोदी को हटाने कोशिश में वे सब एकजुट हुए हैं जो एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे|