सुनवाई के बाद विजय माल्या को आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 में भेजा जायेगा, ब्रिटेन कोर्ट ने भारत से आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 की वीडियो मांगा | बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील दी कि मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 के हालात ठीक नहीं हैं, जहां उसे सुनवाई के बाद रखा जायेगा । अभियोजन पक्ष के वकीलों ने जेल की बैरक नंबर 12 के बारे में अपने-अपने तर्क रखे। अदालत ने सुनवाई के दौरान भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के संकेत दिए हैं।12 सितम्बर को होगी आखरी सुनवाई |
अपराधों में वांछित कई भारतीयों ने ब्रिटेन को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। मानवाधिकारों सहित तमाम लोकतांत्रिक अधिकारों और सहूलियतों के चलते ब्रिटेन दुनियाभर के भगोड़ों की पहली पसंद बना हुआ है। विजय माल्या के सुनवाई के बाद उनके आने के राह आसान हो सकती है |
बैरक नंबर 12 में फिल्म अभिनेता संजय दत्त, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल, शीना बोरा मर्डर केस के आरोपी पीटर मुखर्जी और 26/11 आतंकी हमले के एक मात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल आमिर कसाब को बंद किया जा चुका है। इस समय यहां पीटर मुखर्जी बंद हैं। लंदन कोर्ट में सरकार की तरफ से दावा किया गया कि इस सेल में साफ हवा, रोशनी और आंगन की भी व्यवस्था है।
इस मामले पर एक अधिकारी ने कहा कि भारत की जेलें दुनिया के अन्य देशों की जेलों से किसी भी तरह से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जेलों में कैदियों के अधिकारों को ध्यान में रखा जाता है। ब्रिटेन कोर्ट ने मंगलवार को माल्य केस पर सुनवाई के दौरान भारतीय अधिकारियों से तीन हफ्ते के अंदर ऑर्थर रोड जेल का एक वीडियो जमा करने को कहा | भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आर्थर रोड जेल में कैदियों के उपचार के लिए सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। यहां कैदी को सभी सुरक्षा मिलेंगी।
62 वर्षीय विजय मल्या 2016 से ब्रिटेन में है 9 हजार करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाने के कारण | उसे प्रत्यर्पण वारंट पर 18 अप्रैल को स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे जल्दी ही अदालत से जमानत मिल गयी थी। इस बैरक की संरचना ग्राउंड प्लस वन की है, जिसमें हर फ्लोर पर आठ सेल बने हुए हैं। सभी सेल के अंदर अलग-अलग अटैच टॉयलेट, कपड़े धोने की जगह और खुले आंगन की व्यवस्था है। आम कैदियों के सेल में भारतीय शैली के शौचालय हैं, लेकिन बैरक 12 के सेल में कमोड की व्यवस्था है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक कैदियों का भोजन बनाया जाता है। पुरुष कैदियों को प्रति दिन 2320 से 2730 कैलोरी और महिला कैदियों को 1900 से 2830 कैलोरीयुक्त खाना दिया जाता है।